Powered by Blogger.

Followers

मेरी पुस्तक 'ठहरो मेरी बात सुनो' में एक ताज़ा सामयिक परवर्धन- 'माता की पुकार' (व्याजोक्ति)



भारत की गरिमा कई बार भंग हो चुकी है | पर अब तो हद हो गयी है | इतना घिनौना काण्ड, 'पशुता' का    'मानवता' पर आक्रमण ! सीधे तरीके से फैसला होने की वजाय,उलझता जा रहा है 'न्याय' का फरिश्ता !! भारत माता आज 'हैप्पी क्रिमस' कहे तो कैसे कहे !!! (सारे चित्र 'गूगल-खोज' से साभार)   

'हैप्पी क्रिसमस' मैं कह देती, पर मेरा 'दिल' घायल है | 
ओ मेरे सपूत !सुन लों तुम, माता 'रहम' के क़ाबिल है ||
!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!
कहीं 'लड़ाई भाषाओं की', कुछ 'धरती' के लिये लड़े |
कई लड़े हैं, 'धन-दौलत' को, कुछ 'कुर्सी' के लिये लड़े ||

कोई लड़ाई हो मत भूलो, लड़ाने वाला 'जाहिल' है || 
'हैप्पी क्रिसमस' मैं कह देती, पर मेरा 'दिल' घायल है | 
ओ मेरे सपूत !सुन लों तुम, माता 'रहम' के क़ाबिल है ||१|| 



कैसे 'मेरे पूत' हो गये, 'सुन्दर-तन' के भूखे हैं | 
'हविश-धूप' से 'करुणा' सूखी,'नयन के छागल' सूखे हैं ||

इनके 'व्यवहारों' में 'भीषण पशुता वाले जंगल' हैं  ||
'हैप्पी क्रिसमस' मैं कह देती, पर मेरा 'दिल' घायल है | 
ओ मेरे सपूत !सुन लों तुम, माता 'रहम' के क़ाबिल है ||२||


मुझको चिन्ता, आयी कैसे 'अखलाकों' में यह 'खामी' !  
"प्रसून" किससे करें शिकायत, होगी कितनी बदनामी !!

उफ़,लगता है, 'भाग्य-गगन' में उठा 'प्रलय का बादल' है ||
'हैप्पी क्रिसमस' मैं कह देती, पर मेरा 'दिल' घायल है | 
ओ मेरे सपूत !सुन लों तुम, माता 'रहम' के क़ाबिल है ||३||


!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!

  

Post a Comment

About This Blog

  © Blogger template Shush by Ourblogtemplates.com 2009

Back to TOP