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गज़ल -कुञ्ज (क्रमश:)-(अ)प्रणाम -(२) प्रियतमा प्रणाम -(ख) प्रियतमा जननी तुमको प्रणाम


प्रियतमा जननि !तुमको प्रणाम !!
हर सुख दुःख मेरा तेरे नाम !!

तेरी हर सरिता सुधा वती |
है तेरा सुअंक सुखद धाम ||
   
तेरे वन, बाग सुभाग सुभग -
 इस पर वारी हैं कोटि काम ||
  
तेरी गोदी में पले सभी-
हो शीत छाँव या तची घाम ||
  
सब ने पाया है सुख तुम से -
क्या पीर फ़कीर क्या राम श्याम ||
           
वर दे, पराग बाँटें "प्रसून"-
मत लगे कभी इस पर विराम ||


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